
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता मंगलवार को उस समय दहल उठी, जब एक 7-मंजिला ऑफिस बिल्डिंग धधकते आग के गोले में बदल गई। देखतें-देखते लपटें इतनी तेज़ी से फैलीं कि पूरे शहर में अफरा-तफरी मच गई। हादसे में कम से कम 20 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है—जिसमें 15 महिलाएँ और एक गर्भवती महिला भी शामिल हैं।
शहर का माहौल ऐसा था जैसे किसी हॉलीवुड Disaster Movie का लाइव सेट चल रहा हो—फर्क इतना कि यहाँ VFX नहीं, असली आग थी।
पहली मंज़िल पर ‘बैटरी ब्लास्ट’ बना जन-जीवन का ब्लैकआउट
यह इमारत Terra Drone Indonesia का ऑफिस था, जो खेती और खनन के लिए ड्रोन सर्वे करता है।
पुलिस के मुताबिक:
पहली मंज़िल पर रखी बैटरियों में आग लगी
आग ने लिफ्ट और स्टेयर एरिया को जकड़ लिया
काला जहरीला धुआं मिनटों में ऊपर तक भर गया
कर्मचारियों ने खुद से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग ने कहा— “आज मेरा दिन है, मैं नहीं बुझने वाला।”
कुछ ही समय में धुआं इतना गाढ़ा हो गया कि लोग बाहर निकलना तो दूर, खिड़की तक नहीं पहुँच सके।
मृतकों में महिलाएँ ज़्यादा – सवाल फायर सेफ्टी पर
सेंट्रल जकार्ता पुलिस चीफ सुसात्यो पुर्नोमो कोंड्रो के अनुसार:

- 20 मौतें
- 5 पुरुष
- 15 महिलाएँ
- 1 गर्भवती महिला
यह घटना जकार्ता की फायर सेफ्टी स्टैंडर्ड्स पर बड़ा सवाल है। सवाल इतना बड़ा कि उसका जवाब देने के लिए भी सरकारी बैठक में AC बढ़ाना पड़ेगा।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी – मंज़िल दर मंज़िल खोज
दमकल विभाग ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन राहत का काम अभी खत्म नहीं हुआ।
बचाव दल हर फ्लोर पर तलाश कर रहा है
कई लोगों के धुएँ से बेहोश होने की आशंका
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है
सरकार ने वादा किया है कि “सख्त कार्रवाई” होगी, लेकिन जनता जानती है कि ऐसे वादे अक्सर मुंह दिखाई तक ही रहते हैं।
आखिर कब सुधरेंगे सेफ्टी स्टैंडर्ड्स?
हर बड़े हादसे के बाद वही पुराना सिस्टम, पहले हादसा, फिर जांच, फिर कमेटी, फिर रिपोर्ट और फिर… अगला हादसा
जकार्ता में लोगों का सवाल बिल्कुल सही है— “Fire Safety सिर्फ कागज़ों पर है या सच में इमारतों में भी?”
